गणित विषय के स्टूडेंट्स का दर्द जो आने वाले समय में उनकी डायरियों में देखने को मिलेगा :-
( कृपया अन्यथा न लें और रचनात्मकता का मज़ा लें )
1) पता नहीं कौन सी नाव थी वो जो हमेंशा कभी धारा की दिशा में तो कभी धारा के विपरीत दिशा में चलती थी, और हमारी नैया डुबा दिया करती थी।
2) एक खास ट्रेन भी हुआ करती थी जो स्टेशन A से स्टेशन B की ओर चलती थी। मैं पूरे ग्लोब और गूगल का औचक निरीक्षण कर चुका हूँ, पर ये दोनों स्टेशन आज तक नहीं मिले। कभी-कभी एक दूसरी ट्रेन भी होती थी जो स्टेशन B से स्टेशन A की तरफ चलती थी। हालांकि ये कभी नहीं बताया गया कि दोनों स्टेशनों के बीच दो ट्रैक हैं या दोनों ट्रेनें एक ही ट्रैक पर चलती हैं। पता नहीं वो पागल आदमी कौन होता था जो साला कभी इन ट्रेनों के विपरीत दौड़ता तो कभी साथ-साथ। जो भी हो, मुझे लगता है कि मुझसे भी ज्यादा बेरोजगार रहा होगा बेचारा।
3) एक बहुत भ्रष्टाचारी दूधवाला भी हुआ करता था जिसकी खोपड़ी कुछ सटकेली थी। पहले ये भाईसाहब दो छोटे कंटेनर में एक-एक करके तीन भाग दूध और एक भाग पानी मिलाते थे... फिर इस मिश्रण को एक बड़े से कंटेनर जो आधा दूध से भरा होता था, उसमें मिला दिया करते थे। इसके बाद बड़े प्रेम से पूछते थे कि अब बताओ बेटा कुल कितना भाग दूध और कितना भाग पानी है। अबे , अपना बिजनेस सीक्रेट क्यों ओपन कर रहा है बे? जाकर मफलर बाबा के पास शिकायत कर दूंगा तो साले तेरी दुकान के आगे धरने पर बैठ जाएगा। फिर बेचते रहियो दूध...
4) और सबसे मस्त तो वो चोर होता था। ये साला पूरी दुकान लूटकर ढाई बजे भागता था और एक मोटे तोंद वाला नकारा पुलिस सिपाही पैंतालीस मिनट बाद उसे पकड़ने भागता। इस पूरे काण्ड में फायदा या तो चोर को होना था, या नहीं तो सिपाही को प्रोमोशन मिलनी थी। पर सवाल हमसे तलब किये जाते कि, "बताओ पुलिस कितने घंटे बाद चोर को पकड़ेगा?" अबे मैं क्या दरोगा हूँ जो मेरे से पूछ रिये हो। सच तो ये है कि तुम्हारा सिपाही कभी नहीं पकड़ पायेगा, क्योंकि साला चोर 120 की स्पीड में कार से भागा है और तुम्हारा सिपाही 45 मिनट बाद 12 की स्पीड में पैदल। कमबख्त मारे!
5) इसी तरह एक ठेकेदार हुआ करता था। ये सज्जन रोज 20 पुरुष, 15 महिलाएं और 10 बच्चों के खेत जुतवाया करते थे। और पूछते हमसे थे कि बताओ इसी तरह 12 पुरुष, 17 महिलायें और 8 बच्चे उसी खेत को कितने दिन में जोतेंगे। घंटा! ये कौन सी खेत है बे तुम्हारी जो आज तक जुत ही रही है। और तुमपर तो कमीने केस ठोकुंगा मैं आज। साले बाल-मजदूरी करवाते हो! महिला दिवस बीते एक सप्ताह भी नहीं हुआ, और महिलाओं पर अत्याचार शुरू!
6) एक बड़ा ही अजीबोगरीब मेन्टल भी था। कमीने के पास तीन नल थे - A, B और C. पहले वाले नल को 20 मिनट चलाता, फिर दूसरे नल को 15 मिनट तक। इसके बाद साला गजब करता। तीसरा नल जो टंकी को खाली करता था उसे चला देता। और हमसे पूछता कि बताओ टंकी कितने देर में खाली होगी! बताओ है कोई जवाब इसका। साले जब तुझे नहाना ही नहीं था तो नल क्यों खोला! पानी बर्बाद करते हो! तुम जैसे अर्धपागलों के कारण ही ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बना हुआ है...
7 ) और प्लीज कोई मुझे बताओ कि वो मोटर चालक था आखिर कौन, जो A से B तक पहले 80 km/h की स्पीड से जाता और 50 km/h की स्पीड से वापस आ जाता था। तुम सिर्फ हमारे मजे लेने के लिए यहां से वहां भटकते फिरते थे! साले पेट्रोल को पानी समझ लिए थे क्या बे? और मेरे से पूछते हो औसत चाल! जवाब ही चाहिए तो ले सुन.. तुम्हारी चाल और चलन दोनों औसत से भी बहुत नीचे हैं। एक नंबर के आवारागर्द इंसान हो तुम। चुपचाप मईया-अब्बू के अंडर रहो और पढाई लिखाई चालू करो।
8 ) एक बड़े ही उजड़े चमन हुआ करते थे। अक्सर ये पूछते फिरते कि क्लास में लड़कियों की औसत उम्र लड़कों के संख्या की दुगुनी है। यदि 40 विद्यार्थियों की क्लास में लड़कों और लड़कियों का अनुपात 5:1 है तो बताओ लड़कियों की कुल उम्र क्या होगी?" अबे अक्ल से पैदल (on पैरागॉन चप्पल) पुरुष, क्या तुम्हें इतना भी नहीं मालूम कि माहिलाओं से उनकी उम्र नहीं पूछी जाती। बात करते हैं!
9) इसी तरह तीन आदमी हुआ करते थे, A, B और C जो किसी व्यवसाय में क्रमशः 50 हजार, 30 हजार और 20 हजार पूँजी लगाते थे। (हालांकि मैंने 1901 से 2011 तक के जनगणना के सारे कागजात देखे हैं, पर मुझे ये तीन नाम पूरे देश में कहीं नहीं मिले।) और हमसे पूछा जाता कि, "बता रे कुल लाभ 25 हजार हुआ हो तो C को कितना मिलेगा?" अबे मेको समझ क्या रखे हो बे तुम लोग! मेको कैशियर बहाल किये हो क्या बे? अबे केंकड़ों कुछ नहीं मिलेगा तुम दोनों को। C बईमान है साला। सब पैसे लेकर भाग रहा है। जाओ उसे जाकर पकड़ो पहले।
10) एक बेचारी गाय भी होती थी। मालिक के पास घास से पूरी तरह भरा मैदान होता था पर वो अत्याचारी बेचारी गाय को सिर्फ 10 मीटर लंबी रस्सी से बांधता। फिर मजे लेने के लिए गाय को चिढ़ाते हुए पूछता, "अब बोल कितना वर्गमीटर मैदान चरेगी तू?" कमीने इंसान, पेटा में शिकायत पेल दूंगा तो सारी अक्ल ठिकाने आ जायेगी। उनके डर से शाहरूख खान तक की फिल्मों में लिखा होता है, "No animals were harmed in this film." फिर तू शाहरूख तो क्या, चंकी पाण्डेय भी नहीं है बे।
11)एक शहर भी होता था। बहुत कमीना शहर था साला। यहां की जनसँख्या 50 हजार थी पहले। इसके बाद यहाँ के नागरिकों ने अपना रंग दिखाना शुरू किया। जनसँख्या में प्रतिवर्ष 12% की वृद्धि होने लगी। फिर हमसे पूछा गया कि बताओ बेटे 20 वर्ष के बाद कुल जनसँख्या कितनी हो जायेगी? सबसे पहले तो आदरणीय प्रश्नकर्ता महोदय.. आपने मेको समझ क्या रखा है? प्राथमिक विद्यालय का नियोजित शिक्षक! अरे दसवीं का छात्र हूँ यार! और कोई बताएगा कि इस शहर को ये हुआ क्या है? यहाँ के मर्द-औरतों के पास करने को कुछ नहीं है क्या... ?
12 )एक बड़ी गैरमानवीय हरकत भी होती थी। जब सरेआम यह बात कही जाती कि A की आय B की आय से 10% कम है तो B की आय A की आय से कितने प्रतिशत अधिक होगी! अबे नमकहराम इंसान! उसकी आय कम है तो क्या वो तेरे से मांगने आता है? उसके बच्चे की ट्यूशन फीस और बीवी की लिपस्टिक तू लेकर देता है? उसकी फटी चड्डी के लिये तू उसे एक कौड़ी भी देता है क्या? फिर क्यों पब्लिकली उसे बेइज्जत कर रहा है... उसका मनोबल गिरा रहा है? क्यों दूसरे के फटे में अपनी टांग घुसेड़ता है बे?
13) एक बड़ा ही क्रूर साहूकार भी होता था। ये बन्दा कुछ पैसे A को 10 साल के लिए 20% के वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज पर दिया करता था। और खींसें निपोरते हुए मेरे से पूछता कि, "बताओ बाबू 10 साल के अंत में मेको कितने पैसे कुल मिलेंगे?" अबे मैं तुम्हारा पीए नहीं हूँ। घंटा तुझे कुछ मिलेगा। एक तो इतने गरीब इंसान को पैसे देते हो, ऊपर से इतना भारी ब्याज भी वसूलते हो। सूदखोर कहीं के। मैं चला उसे ये बताने कि जाकर बैंक से कर्ज ले ले 10-12% ब्याज पर। कल आ जाएगा वो तुझे तेरा पैसा लौटने।
14) एक मैदान हुआ करता था। मजदूर मैदान के एक कोने में 30 मीटर गहरा, 20 मीटर चौड़ा और 25 मीटर लंबा एक गड्ढा खोदते और जो मिट्टी निकलती उसे बाकी बचे मैदान पर बिछा देते। और हमसे पूछे जाते कि बताओ मैदान की ऊंचाई कितनी बढ़ेगी? अबे बीपवालों, मैं क्या जमीन मापने वाला कोई अमीन हूँ? कितनी ऊंचाई बढ़ जायेगी बे इतनी सी मिट्टी से? 5 इंच बढेगी नहीं, उसी में बाबू साहब क़ुतुबमीनार का सपना देख रहे हैं.. बड़े आये!
15)एक बड़ा ही गरीब-दुखियारा आदमी भी होता था। इतना गरीब था कि यदि चीनी का मूल्य 25% बढ़ जाता तो ये गरीब उस नए मूल्य पर चीनी नहीं खरीद पाता। अतः ऐसी स्थिति में ये अपनी आवश्यकता में कुछ प्रतिशत कटौती कर देता, ताकि उसके खर्चे में कोई बढ़ोत्तरी ना हो! साला! चीनी खरीदेंगे... चाय पीयेंगे... शौक तो देखो शहजादे के! अबे चीनी ही तो है, नमक तो नहीं... घर में ना रहेगी तो कौन सा भूखे मर जाओगे बे? कईसे कईसे इंसान हैं इस धरती पर... देवा रे देवा!
16) पर सबसे खुशनसीब तो वो इंसान था जो यह जानना चाहता था कि 5 लीटर अल्कोहल में कितना प्रतिशत पानी मिलाऊँ जिससे मुझे 10% अल्कोहल का सॉल्युशन प्राप्त हो? पर मुझे ये कभी समझ में नहीं आया कि बन्दे को इतना कम अल्कोहल क्यों चाहिये?
पचा नहीं पाता है तो फिर पीये ही नहीं।😄😄😆😆😆
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Saturday, April 9, 2016
गणित विषय के स्टूडेंट्स का दर्द
Sharabi
शराब की वजह से बरबाद हो चुके शराबी ने कभी न पीने की कसम ली
और घर से दारू की खाली बोतलें फेंकने लगा।
पहली बोतल फेंक कर बोला: तेरी वजह से मेरी नौकरी गई।
दूसरी फेंक कर बोला: तेरी वजह से मेरा घर बिका।
तीसरी बोतल फेंक कर बोला: तेरी वजह से मेरी बीवी मुझे छोड़कर चली गई।
चौथी बोतल उठाई तो वह भरी हुई निकली।
शराबी: तू साइड में हो जा। तू बेकसूर है।
Customer Care
#rkbanshi
कस्टमर केयर अधिकारी को उस समय दिल का दौरा पड़ गया,
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जब एक लड़की ने फोन करके पूछा.....
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“मिस कॉल के लिए कोई पलान है क्या ?
Vastu Shastr
Santa : मेरी बीवी Vastu-Shastra पर बहुत ही ज्यादा विश्वास करती है !
Banta : Great, क्या वो उसका उपयोग भी करती है ?
Santa : Oh-Yeah !! जब हमारा झगड़ा होता है तब,
वो कोई भी 'Vastu' उठा लेती है और फिर उसका उपयोग 'Shastra' की तरह करती है.....
Olx and Facebook
मगन - तेरी बीवी तुझसे कल झगड़ क्यों रही थी?
उसकी आवाज मेरे घर तक आ रही थी
छगन - अरे यार, ऐसी कोई खास बात नहीं थी,
उसकी फोटो फेसबुक पे अपलोड करने की जगह OLX पे अपलोड हो गयी।
और हद तो तब हो गई जब एक ने कमेंट किया -
भाई ये 1970 का कबाड़ किसने डाला है...
Twinkle Twinkle
Twinkle Twinkle Lazy Star,
kitna soyega uth jaa yaar,
up above the world so high,
Sun has risen in the sky,
uth ke jaldi pee le chai,
Then Call me and Say Hi !!!
Thursday, April 7, 2016
खड़ूस बॉस
खड़ूस बॉस
लंच टाइम में गप-शप चल रही थीं -
" यार ! अपने सीईओ भी एक नंबर के खड़ूस हैं। करोड़ों का पैकेज है, लेकिन रहन-सहन क्लर्क जैसा।"
" जाने क्यों, ऊपर वाले को भी इन्हें ही छप्पर फाड़ कर देना था। "
" जब देखो शो कॉज नोटिस, सख्ती, डाँटना...देख लेना, कंजूस की दौलत को उसके नालायक बच्चे एक दिन बेरहमी से उडाएंगे।"
बड़े बाबू ने सबको खिड़की से दिखाई देते बंदर की ओर इशारा करते हुए कहा -
" देखो, बंदर नारियल को कितने जतन से संभाले है। इस से वो किसी का सिर तो फोड़ सकता है, परन्तु इस के भीतर का स्वाद नहीं चख सकता।"
" क्या मतलब बड़े बाबू ! "
" अपने सीईओ का भी यही हाल है। वे अपनी सम्पत्ति पर जतन से कुंडली मारे बैठे हैं, न अच्छा खाते-पहनते हैं और न कभी पार्टी-जश्न। ठीक इस बंदर की तरह ...हे ..हे ..हे।"
एक सामूहिक ठहाका वातावरण में गूंज गया। लेकिन अगले पल जैसे सब को सांप सूंघ गया। दरवाजे पर सीईओ साहब कब से खड़े सबकी बात सुन रहे थे। वे भावहीन से अपनी केबिन की ओर चल दिए, पीछे से बड़े बाबू ने दबी जवान में कहा-
" राम जाने, नारियल किस के सिर पर गिरेगा।"
बॉस ने पलट कर जवाब दिया
" किसी के नहीं। हाँ, आज न चाहते हुए भी एक बात बताता हूँ। मेरे पिता को कैंसर था। मैंने उन्हें तिल-तिल मरते देखा है। बेशुमार दौलत उनकी साँसे लम्बी न कर सकी थी। उन पर दर्दनाक मौत की छाया ने हमारे सारे परिवार को हिला कर रख दिया था। उन्हें एक साल तक दर्द से रोते-तड़पते देखा है, भगवान से मौत देने के लिए गिड़गिड़ाते देखा है। बस, उनके गुजरने के बाद मैंने विरासत में मिली सारी जायदाद कैंसर शोध संस्थान को दान कर दी थी और हर माह अपने वेतन में से गुजारे लायक रख कर, शेष कैंसर अस्पताल में जरूरतमंद रोगियों की सेवा में अर्पित कर देता हूँ।"
बॉस अपनी केबिन में जा चुके थे, बड़े बाबू की आँखों में आंसू थे।