twitcker

Random

  • Touchscreen TV
    Touchscreen TV

  • Branded Life
    Branded Life

  • Karva Chauth Vrat and Ahoi Ashtami Vrat
    Karva Chauth Vrat and Ahoi Ashtami Vrat

  • Hindi Pop Videos
    Hindi Pop Videos

  • Gandhi Met Vijay Mallya...( Laughing Fun)
    Gandhi Met Vijay Mallya...( Laughing Fun)

  • Nature
    Nature

  • Sharabi
    Sharabi

Social Share



Saturday, October 15, 2011

करवा चौथ व्रत



पति की लंबी उम्र के लिए ऐसे करें करवा चौथ व्रत

करवा चौथ विवाहित महिलाओं का सबसे प्रिय व्रत माना जाता है क्योंकि यह व्रत उनके पति को लंबी उम्र प्रदान करता है। इस बार यह व्रत 15 अक्टूबर, शनिवार को है। इस व्रत का पालन पूरे विधि-विधान से किया जाए पति की लंबी उम्र के साथ अन्य मनाकोमनाएं भी पूरी होती हैं। करवा चौथ पर इस तरह करें व्रत-

पूजन विधि

व्रत रखने वाली स्त्री प्रात:काल नित्यकर्मों से निवृत्त होकर, स्नान एवं संध्या आदि करके, आचमन के बाद संकल्प लेकर यह कहे कि मैं अपने सौभाग्य एवं पुत्र-पौत्रादि तथा निश्चल संपत्ति की प्राप्ति के लिए करवा चौथ का व्रत करूंगी। यह व्रत निराहार ही नहीं, अपितु निर्जला के रूप में करना अधिक फलप्रद माना जाता है। इस व्रत में शिव-पार्वती, कार्तिकेय और गौरा का पूजन करने का विधान है।

चंद्रमा, शिव, पार्वती, स्वामी कार्तिकेय और गौरा की मूर्तियों की पूजा षोडशोपचार विधि से विधिवत करके एक तांबे या मिट्टïी के पात्र में चावल, उड़द की दाल, सुहाग की सामग्री, जैसे- सिंदूर, चूडिय़ां, शीशा, कंघी, रिबन और रुपया रखकर किसी श्रेष्ठï सुहागिन स्त्री या अपनी सास के पांव छूकर उन्हें भेंट कर देनी चाहिए।

सायं बेला पर पुरोहित से अवश्य कथा सुनें, दान-दक्षिणा दें। तत्पश्चात रात्रि में जब पूर्ण चंद्रोदय हो जाए तब चंद्रमा को छलनी से देखकर अध्र्य दें, आरती उतारें और अपने पति का दर्शन करते हुए पूजा करें। इससे पति की उम्र लंबी होती है। तत्पश्चात पति के हाथ से पानी पीकर व्रत तोड़ें।


करवा चौथ आज: पूजा की थाली में रखें यह सब

आज सुहागिनों महिलाओं का महापर्व करवा चौथ है। पति की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए व्रत रखा जाता है। साथ ही जब चांद निकलता है तो चंद्र पूजा की जाती है। फिर पति की पूजा का विधान है। संपूर्ण पूजन सामग्री के बिना यह व्रत पूर्ण नहीं होता, अत: पूजा की थाली में निम्न सामग्री अवश्य रखें-

करवा चौथ की कथा की किताब, सिंदूर और कुमकुम, मौली, करवा, पूजा थाली, चढ़ावा और उपला, चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्च दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, अक्षत, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, बिछुआ, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, बूरा, हल्दी, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी व हलुआ।

 

करवा चौथ पर सुनें यह कथा, मिलेगी जीवन की हर खुशी

करवा चौथ अखंड सौभाग्य का व्रत है। इस बार यह व्रत 15 अक्टूबर, शनिवार को है। इस व्रत की कथा का उल्लेख श्रीवामन पुराण में भी है जो इस प्रकार है-

किसी समय इंद्रप्रस्थ में वेद शर्मा नामक एक विद्वान ब्राह्मïण रहता था। उसकी पत्नी लीलावती से उसके सात पुत्र और एक सुलक्षणा वीरावती नामक पुत्री पैदा हुई। वीरावती के युवा होने पर उसका विवाह एक उत्तम ब्राह्मïण से कर दिया गया। जब कार्तिक कृष्ण चतुर्थी आई, तो वीरावती ने अपनी भाभियों के साथ बड़े प्रेम से करवा चौथ का व्रत शुरू किया लेकिन भूख-प्यास से पीडि़त होकर वह चंद्रोदय के पूर्व ही बेहोश हो गई। बहन को बेहोश देखकर सातों भाई व्याकुल हो गए और इसका उपाय खोजने लगे।

उन्होंने अपनी लाड़ली बहन के लिए पेड़ के पीछे से जलती मशाल का उजाला दिखाकर बहन को होश में लाकर चंद्रोदय निकलने की सूचना दी, तो उसने विधिपूर्वक अध्र्य देकर भोजन कर लिया। ऐसा करने से उसके पति की मृत्यु हो गई। अपने पति के मृत्यु से वीरावती व्याकुल हो उठी। उसने अन्न-जल का त्याग कर दिया। उसी रात्रि में इंद्राणी पृथ्वी पर विचरण करने आई। ब्राह्मïण-पुत्री ने उससे अपने दु:ख का कारण पूछा, तो इंद्राणी ने बताया- हे वीरावती। तुमने अपने पिता के घर पर करवा चौथ का व्रत किया था, पर वास्तविक चंद्रोदय के होने से पहले ही अध्र्य देकर भोजन कर लिया, इसीलिए तुम्हारा पति मर गया।

अब उसे पुनर्जीवित करने के लिए विधिपूर्वक करवा चौथ का व्रत करो। मैं उस व्रत के ही पुण्य प्रभाव से तुम्हारे पति को जीवित करूंगी। वीरावती ने बारह मास की चौथ सहित करवाचौथ का व्रत पूर्ण विधि-विधानानुसार किया, तो इंद्राणी ने अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार प्रसन्न होकर चुल्लूभर पानी उसके पति के मृत शरीर पर छिड़क दिया। ऐसा करते ही उसका पति जीवित हो उठा। घर आकर वीरावती अपने पति के साथ वैवाहिक सुख भोगने लगी। समय के साथ उसे पुत्र, धन, धान्य और पति की दीर्घायु का लाभ मिला।

No comments:

Post a Comment