वह पुरानी जींस..वे यादें
हाईस्कूल
की पढ़ाई के बाद राजीव गांधी आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए। इधर
अमिताभ ने दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज में एडमिशन ले लिया। लेकिन सरहदें
इनके रिश्तों को रोक नहीं पाईं और अब ये दोनों चिट्ठी के द्वारा एक-दूसरे
से जुड़े रहे। राजीव नियमित रूप से अमिताभ को पत्र लिखा करते थे। एक बार तो
इंदिरा गांधी जी (तत्कालीन प्रधानमंत्री) अचानक कवि हरिवंशराय बच्चन के घर
पहुंच गईं और तेजी से पूछ बैठीं ‘मेरा राजीव इंग्लैंड में मजे में तो है
न! उसका कोई समाचार?’
तेजी ने कहा, ‘अरे वाह! अपने बेटे का समाचार आपके पास ही नहीं?’
‘अरे!
यही तो मुसीबत है! मुझे तो अपने बेटे की खैर-खबर की जानकारी तुम्हारे बेटे
से ही लेनी पड़ती है। राजीव अक्सर मुझे कोई चिट्ठी लिखे या न लिखे, लेकिन
अमिताभ के लिए चिट्ठी लिखना बिल्कुल नहीं भूलता।’
एक
बार जब राजीव इंग्लैंड से वतन वापस आए तो अमिताभ के लिए उपहार लेकर आए..
‘अमिताभ के हाथों में पैकेट सौंपते हुए बोले, यह तुम्हारे लिए लाया हूं।’
इस पैकेट में एक जींस की पेंट थी। अमिताभ की जिंदगी की यह सबसे पहली जींस थी, जिसे उन्होंने वर्षो तक पहना।
गगनचुंबी सफर.. लेकिन दोस्ती अटूट
राजीव
गांधी अब ‘पायलट’ बन चुके थे और अमिताभ ‘अभिनेता’। लेकिन अब भी अटूट
दोस्ती के कीच कोई दूरी नहीं आई। कई बार तो अमिताभ ने उस फ्लाइट से सफर
किया, जिसे राजीव गांधी उड़ा रहे थे।
राजीव
गांधी तो अमिताभ से मिलने के लिए इतने आतुर रहा करते थे कि अक्सर वे
अमिताभ को फ्लाइट की जानकारी भी दे दिया करते थे कि फलां-फलां दिन इस शहर
में इस फ्लाइट में मैं पायलट रहूंगा, अगर तुम्हें कहीं आना-जाना हो इसी
फ्लाइट से सफर करना।
इतना
ही नहीं, जब भी अमिताभ, राजीव की फ्लाइट में होते और जब विमान ‘टेक ऑफ’
करता तो इस समय अमिताभ अपनी पैंसेजर सीट में बेल्ट बांधे बैठे रहते। लेकिन
जैसे ही विमान आसमान में पहुंचता तो राजीव उन्हें कॉकपिट में बुला लिया
करते।
अमिताभ
को हमेशा इस बात का आश्चर्य होता कि जब भी फ्लाइट में राजीव गांधी कोई
अनाउंसमेंट करते थे तो कभी भी अपना सरनेम नहीं बोला करते थे.. सिर्फ इतना
ही कहते ‘आई कैप्टन राजीव’..!
राजीव
गांधी की सादगी और सरलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कभी भी
अपना परिचय देते समय वे किसी से यह नहीं कहते थे कि मैं भारत की
प्रधानमंत्री का बेटा हूं।
इसके
साथ ही राजीव ने अपनी निजी जिंदगी की कोई भी बात अमिताभ से कभी नहीं
छुपाई। एक बार की की बात है जब राजीव विदेश से भारत आए तो इस बार उनके हाथ
में एक फोटो एलबम था। एलबम अमिताभ के सामने खोलते हुए उन्होंने अमिताभ से
पूछा..‘अमित, यह लड़की तुम्हें कैसी लगी?’
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